शनिवार, 24 दिसंबर 2011

स्त्री

कविता - स्त्री 
 स्त्री को समाज में क्यों बुरी नजर से देखा जाता हैं ,
 क्यों उन्हें घरो में मारा पीता जाता हैं ......
 क्या यही हमारी सभ्यता हैं ,
 क्यों लड़कियों को पैदा होते ही मार दिया जाता हैं......
क्या मरना ही हमारा विकल्प हैं ,
 लेकिन स्त्री प्रत्येक कामो में आगे हैं..... 
 क्यों न वो खेल हो या शिक्षा ,
 उनका प्रत्येक कार्यो में दबदबा हैं......
 इस समाज को अपनी सोच बदलनी चाहिए,
 स्त्री को माँ की तरह समझाना चाहिए .....
 लेखक - मुकेश कुमार 
 कक्षा - १० अपना घर ,कानपुर

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