कविता - स्त्री
स्त्री को समाज में क्यों बुरी नजर से देखा जाता हैं ,
क्यों उन्हें घरो में मारा पीता जाता हैं ......
क्या यही हमारी सभ्यता हैं ,
क्यों लड़कियों को पैदा होते ही मार दिया जाता हैं......
क्या मरना ही हमारा विकल्प हैं ,
लेकिन स्त्री प्रत्येक कामो में आगे हैं.....
क्यों न वो खेल हो या शिक्षा ,
उनका प्रत्येक कार्यो में दबदबा हैं......
इस समाज को अपनी सोच बदलनी चाहिए,
स्त्री को माँ की तरह समझाना चाहिए .....
स्त्री को समाज में क्यों बुरी नजर से देखा जाता हैं ,
क्यों उन्हें घरो में मारा पीता जाता हैं ......
क्या यही हमारी सभ्यता हैं ,
क्यों लड़कियों को पैदा होते ही मार दिया जाता हैं......
क्या मरना ही हमारा विकल्प हैं ,
लेकिन स्त्री प्रत्येक कामो में आगे हैं.....
क्यों न वो खेल हो या शिक्षा ,
उनका प्रत्येक कार्यो में दबदबा हैं......
इस समाज को अपनी सोच बदलनी चाहिए,
स्त्री को माँ की तरह समझाना चाहिए .....
लेखक - मुकेश कुमार
कक्षा - १० अपना घर ,कानपुर
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