कविता - शोर
शोर -शोर में ,
सब हो गए बोर.....
कहने लगे बंद करो ये शोर,
बंद हुआ जब मुख का शोर .....
शुरू हो गया मोबाइल का शोर ,
शोर -शोर में .....
सब हो गए बोर ,
बनाना पड़ेगा कोई ऐसा फोन.....
जिससे हो न कही शोर ,
लोग भी न हो बोर.....
करे हम सब ऐसा विचार,
जिससे बन जाये ऐसा टेलीफोन........
शोर -शोर में ,
सब हो गए बोर.....
कहने लगे बंद करो ये शोर,
बंद हुआ जब मुख का शोर .....
शुरू हो गया मोबाइल का शोर ,
शोर -शोर में .....
सब हो गए बोर ,
बनाना पड़ेगा कोई ऐसा फोन.....
जिससे हो न कही शोर ,
लोग भी न हो बोर.....
करे हम सब ऐसा विचार,
जिससे बन जाये ऐसा टेलीफोन........
लेखक - अशोक कुमार
कक्षा -९ अपना घर ,कानपुर
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