सैर चलो हम करे
चलो हम सैर करे ,
किसी से बैर न करे......
लड़ाई किसी से न करे,
सभी बच्चो ने देखा चीता....
लेकिन मैंने देखी सूत ,
वही से निकल पड़ा भूत.....
हम अब सैर नहीं करेगे ,
क्योकि मिल जाता हैं रास्ते में भूत....
लेखक - चन्दन कुमार
कक्षा - ६ अपना घर , कानपुर
2 टिप्पणियां:
बहुत प्यारी कविता
बहुत ही अनोखे ढंग से लिखी सार्थक रचना /बधाई आपको /
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