हुआ मन सुहाना
सभी के दिल में पंहुचा ,
एक नया प्रकाश ......
तभी बारिस का दिखा प्रभाव,
देख बूदो के नज़ारे.....
मौसम हुआ सुहाना,
देखने लगे वे लोग .....
बैठे थे जो लोग घर के अन्दर,
नहीं लग रहा था मन.....
कोठरी के अन्दर,
लग रही थी बदन में......
सुहानी सी पवन ,
जिससे हो रहा था बदन नर्म......
सभी के दिल में पंहुचा ,
एक नया प्रकाश......
तभी बारिस का दिखा प्रभाव.......
लेखक - जमुना कुमार
कक्षा - ६ अपना घर कानपुर
1 टिप्पणी:
बच्चों के लिए अच्छा साहित्य कम है और ग़रीब के लिए तो रोटी ही कम है साहित्य कहां से लाएगा ?
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