मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011

कविता : दादा जी ने समझाया

दादा जी ने समझाया  

दादा जी ने यह समझाया ,
बच्चों धमा-चौकड़ी मत करो .....
पढ़ो लिखो तुम आराम करो,
जग में रोशन नाम करो तुम .....
अच्छे नागरिक बन जाओगे ,
समाज को अच्छी राह दिखलाओगे......
बच्चे बोले धमा-चौकड़ी नहीं करेगें ,
अपने घर में जी जान से पढ़ेगें .....


लेखक :मुकेश कुमार 
कक्षा :9
अपना घर 

5 टिप्‍पणियां:

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

अच्छी बात बताती कविता .....

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत अच्छी कविता...

निर्मला कपिला ने कहा…

सुन्दर सार्थक सन्देश देती बाल कविता। आभार।

http://anusamvedna.blogspot.com ने कहा…

सुंदर कविता ....

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सार्थक सन्देश देती सुन्दर रचना..

http://bachhonkakona.blogspot.com/