शीर्षक - खिली कलियाँ
आयी आमो की मजरियां ,
खिल रही हैं फूलों की कलियाँ .....
उसमे तितलियाँ गाती हैं गीत ,
मधुमक्की संग मिल जाती हैं ....
दोनों आपस में मिल कर रहती हैं,
तितली और मधुमक्की हैं दोनों दोस्त .....
नहीं किसी को देती हैं दुख ,
आयी आमों की मजरियां ......
आयी आमो की मजरियां ,
खिल रही हैं फूलों की कलियाँ .....
उसमे तितलियाँ गाती हैं गीत ,
मधुमक्की संग मिल जाती हैं ....
दोनों आपस में मिल कर रहती हैं,
तितली और मधुमक्की हैं दोनों दोस्त .....
नहीं किसी को देती हैं दुख ,
आयी आमों की मजरियां ......
लेख़क - चन्दन कुमार
कक्षा -५
अपना घर, कानपुर
2 टिप्पणियां:
सुंदर कविता .....
good poem
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