नदियों कया पानी कल कल ।
आवाज करे और बहता जल ॥
पानी को सभी बचाओ ।
लोगों को इसका उपयोग बताओ ॥
अगर न होता पानी धरती पर ।
जीवन भी न होता इस पर ॥
पानी है सबका जीवन ।
ये न हो तो मुश्किल सबका जीवन॥
लोग भी पानी बर्बाद कराएं ।
पानी से पेप्सी ,कोक बनाएं ॥
जल ही देता सबको राहत ।
जल की न समझें कोई कीमत ॥
लेखक :आशीष कुमार
कक्षा :८
अपना घर
कक्षा :८
अपना घर
4 टिप्पणियां:
आशीष जी के कविता-भाव बहुत निर्मल, स्वच्छ जल की तरह.
जल तो जीवन है बहुत ही सुन्दर
very nice poem
very nice poem
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