शनिवार, 22 मई 2010

कविता :नरेगा और आर टी आई

नरेगा और आर टी आई

आओ प्रजा सुनो प्रजा देखो प्रजा यह हाल ,
नरेगा में मिलता है कार्य हर साल ।
हर प्रजातंत्र का है ये नारा ,
हर कार्य का दाम मिलेगा पूरा-पूरा ।
नरेगा से है अब ये आशा,
अब न होगी कोई प्रजा निराशा।
प्रयोग करो रोजगार गारंटी ,
नहीं तो प्रधान और नेता बजा देंगे घंटी ।
आर टी आई से जोड़ना नाता ,
इसी से भ्रष्टाचार का होगा खुलाशा ।
आओ प्रजा सुनो प्रजा देखो प्रजा यह हाल ,
नरेगा में मिलता है कार्य हर साल ।
............ लेखक : सागर कुमार
कक्षा :
अपना घर

3 टिप्‍पणियां:

माधव( Madhav) ने कहा…

RTI is really a PANACEA

good poem

माधव( Madhav) ने कहा…

thnx for the nice poem

seema gupta ने कहा…

बहुत सही कहा..