गुरुवार, 20 मई 2010

कविता :परियों की रानी

परियों की रानी
सपनों की कहानी
जिसमें थी परियों की रानी
रानी के पास थी जादू की छड़ी
चार दासी थीं उनके पास खड़ीं
हमको भूख लगी जोरों की
रानी ने ढेर लगा दी बर्फी की
बर्फी इतनी खायी,मुँह से एक जम्हाई आयी ।
जिससे प्रथ्वी पर रहने वालों की नींद भाग गयी
तभी पता चला कि यह तो एक सपना था
उस समय मैं तो बहुत ही भूखा था

लेखक :आशीष कुमार
कक्षा :
अपना घर

2 टिप्‍पणियां:

nilesh mathur ने कहा…

बहुत सुन्दर !

seema gupta ने कहा…

तभी पता चला कि यह तो एक सपना था ।
उस समय मैं तो बहुत ही भूखा था ॥
" आशीष बेटा सपने देखना मत छोड़ो, सपने जरुर पुरे होंगे.."