निकला सूरज गया अँधेरा
निकला सूरज गया अँधेरा ,
इन सूरज की किरणों ने हमको घेरा ।
निकल पड़े जब सूरज भाई,
शाम कहीं न नजर आई ।
चिड़ियाँ निकली पेड़ों पर ,
निकल पड़े सब आदमी ।
बच्चे निकले सब खेल खेलने ,
विद्यार्थी निकले पढने को ।
खेत किसान जोतने को ,
शाम हुई जब सूरज भागा ।
अँधेरा भाई दौड़कर आया ,
सभी लौट के अपने घर को ।
बच्चे खेलकर विद्यार्थी पढ़कर ,
किसान खेत जोतकर ।
चिड़ियाँ चिल्लाकर ,
सूरज रौशनी देकर ।
लौट पड़े सब अपने घर को ............. ।
इन सूरज की किरणों ने हमको घेरा ।
निकल पड़े जब सूरज भाई,
शाम कहीं न नजर आई ।
चिड़ियाँ निकली पेड़ों पर ,
निकल पड़े सब आदमी ।
बच्चे निकले सब खेल खेलने ,
विद्यार्थी निकले पढने को ।
खेत किसान जोतने को ,
शाम हुई जब सूरज भागा ।
अँधेरा भाई दौड़कर आया ,
सभी लौट के अपने घर को ।
बच्चे खेलकर विद्यार्थी पढ़कर ,
किसान खेत जोतकर ।
चिड़ियाँ चिल्लाकर ,
सूरज रौशनी देकर ।
लौट पड़े सब अपने घर को ............. ।
लेखक :सोनू कुमार
कक्षा :८
अपना घर
कक्षा :८
अपना घर
1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर बाल-गीत.
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