तारों मे अच्छा तारा,
वह है सूर्य हमारा...
रातों मे सबसे अंधेरी रात,
वो है अमौस्या की रात...
गीतों में वह गीत,
वो है अपने देश का राष्ट्रीय गीत...
दीवारों में है दीवार,
वह है चीन की दीवार...
मीनारों में वह है मीनार,
वह है दिल्ली में कुतुबमीनार....
ज्ञानों में वह ज्ञान जिससे मिले सभी को ज्ञान,
जिसको हम सभी कहते है विज्ञान ...
नारों में है वह नारा,
वो है इन्कलाब का है नारा...
झंडों में है सबसे प्यारा,
वो है तिरंगा हमारा...
देशो में है सबसे न्यारा,
वो है भारत है देश है हमारा...
सप्ताह में छुट्टी वाला दिन,
वो है रविवार का दिन...
बातों में वह है बात,
मज़ेदार की बात...
दानों में वह दानी,
जिसकी सुनी है सभी ने कहानी...
हम सबकी है मुजबानी,
कोई नही है हरिश्चंद्र जैसा दानी...
लेखक: आदित्य कुमार, कक्षा ७, अपना घर
1 टिप्पणी:
बहुत बढ़िया बालक!! नियमित लिखो.
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