मंगलवार, 17 नवंबर 2009

कविता: अपने देश को मज़बूत बनाना है

अपने देश को मज़बूत बनाना है

नाली - नाली की करो सफाई,
यही है स्वच्छता की इकाई....
सभी को पढ़ाओ,
सभी को समझाओ....
सबका काम पूरा करवाओ,
यह है समाजसेवा की इकाई....
सभी को पढ़ाना है,
सभी को समझाना है...
गाँव - गाँव में शिक्षा लाना है,
अपने देश को मज़बूत बनाना है....

लेखक: ज्ञान कुमार, कक्षा ६, अपना घर

3 टिप्‍पणियां:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

दोस्त, आज की इस लूट खसोट में देश को आशाये भी सिर्फ आप जैसी आगे की पीड़ियों से है, गुड लक !

निर्मला कपिला ने कहा…

सुन्दर संदेश देती बाल रच्ना के लिये बधाई

Urmi ने कहा…

बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने ! दिल को छू गई आपकी ये संदेश देते हुए बेहतरीन रचना! बधाई!