जंगलवासी सुनो एक ख़बर,
करना ना कोई अगर - मगर....
लोमड़ी एक दिन रोती आई,
शेर से अपनी बात बताई....
शेर ने पूछा क्या हो गया,
लोमड़ी बोली पूँछ कट गया....
शेर ने झट डाक्टर बुलवाया,
दौड़ के डाक्टर जल्दी आया....
डाक्टर थे भाई भालू लाला,
ढूंढ़ के फेविक्युक ले आया....
झट से उसके पूँछ में लगाई,
लोमड़ी रानी खूब चिल्लाई....
उसकी झट से पूँछ जुड गई,
डाक्टर भालू की चर्चा फ़ैल गई....
शेर राजा झूम के गाये,
लोमड़ी रानी खुशी से नाचे....
शेर राजा खुश हो गए,
भालू भइया मंत्री बन गए....
जंगलवासी सुनो एक ख़बर,
करना ना कोई अगर - मगर....
लेखक: मुकेश कुमार, कक्षा ७, अपना घर, २०/११/२००९
1 टिप्पणी:
हा--हा--हा--हा--भाई खूब लिखा है ।पढ़कर मजा आ गया।
हेमन्त कुमार
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