" आओ मिलकर एक ऐसा देश बनाते हैं "
आओ मिलकर एक ऐसा देश बनाते हैं,
जिसमें कोई भेदभाव न होता |
हर कोई हंसी और ख़ुशी से जीता,
कोई हिन्दू और मुश्लिम न कहलाता |
आओ मिलकर एक ऐसा देश बनाते हैं | |
जिसमें कोई गरीब और अमीर न हो,
जाती धर्म पर कभी भी बात न हो |
जीवन और एक दूसरों में प्यार हो,
बस ऐसा ही जीवन चाहते हैं |
आओ मिलकर एक ऐसा देश बनाते हैं | |
भ्रष्टाचार और दंगों से मुक्त हो,
ऐसा एक अपना मुल्क बनाते हैं |
जहाँ जीने और मरने की आज़ादी हो,
लोगो में देश के लिए देशभक्ति हो |
जहाँ खाने के लिए एक दूसरे के घर जाते हैं,
आओ मिलकर एक ऐसा देश बनाते हैं |
कविता : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं प्रांजुल जिसने यह कविता लिखी हैं इस कविता के माध्यम से यह अहसास दिलाना चाहते हैं एक ऐसा मुल्क बनाए जिसमे सब जन एक हो कोई मतभेद न हो | प्रांजुल जीवन में एक महान इंजीनियर बनना चाहते हैं | पढ़ लिखकर अपने परिवार की मदद करना चाहता है |
1 टिप्पणी:
Wah
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