" मेरे दोस्त ये जिंदगी बड़ी "
मेरे दोस्त ये जिंदगी है बड़ी,
जिसमें बहुत चीजें हैं फसी |
कभी दुखी ,कभी ख़ुशी ,
इसी में बस ये दुनियाँ बनी |
जिसे किसी ने ना सुनी,
वो कहानी भी है यहीं बनी |
छूट न जाए ये साथ कहीं,
सोच तू इस बारे में भी कभी |
मेरे दोस्त ये जिंदगी है बड़ी,
जिसमें बहुत चीजें हैं फसी |
कवि : समीर कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
1 टिप्पणी:
Bahut badhia.....
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