" आदत से लाचार "
लोग हो गए हैं आदत से लाचार,
इसीलिए गंगा को कर दिया है बेकार |
एक नहीं नालें बहाये हैं हज़ार,
तभी मिलते है पिने को पानी बेकार |
इसीसे बीमारी उत्पन्न हो रही है हज़ार,
डॉक्टर के बढ़ गए हैं पगार |
कुछ नहीं करवा रहे हैं सरकार,
सिर्फ करते हैं फर्जी का प्रचार |
कवि : कामता कुमार , कक्षा : 6th , अपनाघर
कवि परिचय :- यह बालकवि कामता कुमार इन्होंने कवितायेँ लिखना कक्षा 5 से लिखना शुरू किया था और आज के दिन ये बहुत अच्छी कवितायेँ लिखने लगे हैं | कभी यह छात्र ईंट भठ्ठों में मिटटी से खेला करता था लेकिन अपनाघर की मदद से यह एक बहुत अच्छा छात्र बन गया है पढ़ाई में रूचि दिन पर दिन बढ़ती जा रही है | खेल में क्रिकेट बहुत पसंद है लोग इनको प्यार से जॉन्टी रुट कह कर पुकारते हैं |
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