गुरुवार, 15 नवंबर 2012

शीर्षक : पिंडो के सामान

 "पिंडो के सामान "

आकाशीय  पिंडो में ,
भिड़ने की छमता नहीं होती ।
आकर्षण के कारण ,
उन मे  की  मिलने की ,
सम्भावना नहीं होती ।
पक्षियों को झुण्ड में 
चलने  की आदत  होती है,
उन में  भी,
मिलने की सम्भावना नहीं होती ।
इंसानों में तो ,
सारी योग्यता होती है फिर भी ,
हर एक पथ  में,
एक अलग  ही चाहत होती है ।
सामंजस्य एवं एकता की , 
कोई खास भावना नहीं होती ,
इन में मिलने जुलने की ,
वर्षों से परम्परा है ,
फिर भी आपस में ,
कोई विशेषता नहीं होती ,
सारे के सारे इंसानों में भी 
आपस में आकर्षण ,
पिंडो से ज्यादा ,
भावनाओं का भंडार  है  ,
ये सारे के सारे ,
पिंडो के सामान  हैं ।
   नाम : अशोक कुमार , कक्षा : 10, अपना घर कानपुर  

  

कोई टिप्पणी नहीं: