इलेक्शन
जब कोई कुछ सोचता है ,
अपने मन को ही क्यों नोचता है ......
अब आ गये हैं इलेक्शन ,
इस इलेक्शन में देखो क्या होता है .....
गरीब-अमीर है बन जाता ,
उतने में ही वह खुश हो जाता .....
पहले इलेक्शन में क्या होता था ,
जनता सोच समझकर वोट देती थी ......
जब कोई कुछ सोचता है ,
अपने मन को ही क्यों नोचता है ......
अब आ गये हैं इलेक्शन ,
इस इलेक्शन में देखो क्या होता है .....
गरीब-अमीर है बन जाता ,
उतने में ही वह खुश हो जाता .....
पहले इलेक्शन में क्या होता था ,
जनता सोच समझकर वोट देती थी ......
लेखक : ज्ञान कुमार
कक्षा :8
अपना घर
1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर कविता..मजेदार..बधाई !!
एक टिप्पणी भेजें