बुधवार, 22 फ़रवरी 2012

कविता : इलेक्शन

 इलेक्शन 

जब कोई कुछ सोचता है ,
अपने मन को ही क्यों नोचता है ......
अब आ गये हैं इलेक्शन ,
इस इलेक्शन में देखो क्या होता है .....
गरीब-अमीर है बन जाता ,
उतने में ही वह खुश हो जाता .....
पहले इलेक्शन में क्या होता था ,
जनता सोच समझकर वोट देती थी ......

लेखक : ज्ञान कुमार 
कक्षा :8
अपना घर    

1 टिप्पणी:

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता..मजेदार..बधाई !!