बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

कविता : नेता

 नेता 

बरसाती मेढ़क की तरह टर्र-टर्र ,
करते हैं नेता लोग .....
आता है जब चुनाव भइया ,
 तभी दर्शन देते है जनता को नेता......
निकलते ही ढूंढ़ते हैं अपनी कुर्सी ,
और वोट मांगने जाते हैं घर-घर ......
चुनाव ख़त्म होते ही ,
दिखाई नहीं पड़ते हैं नेता .....
कई महीनो कई सालों बाद ,
दिखाई पड़ते हैं नेता ......

लेखक : सागर कुमार 
कक्षा : 8
अपना घर   
  

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