शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

शीर्षक -विज्ञान का चमत्कार

 शीर्षक - विज्ञान का चमत्कार 
विज्ञान का यह युग हैं,
चला गया अब कलयुग हैं....
विज्ञान का यह अनोखा खेल हैं,
इन्सान बन गया भगवान .....
करके दूसरों का गुणगान ,
इन्सान ने जहाज आदि बनाया.....
चन्दा मामा से मिलवाया ,
इन्सान ने अपने बुध्दि मानी से....
एक से एक बढकर  चीज बनाया ,
इसलिये इन्सान भगवान कहलाया..... 
विज्ञान का यह कमाल हैं ,
मचाया पुरे संसार में धमाल हैं....
हर वस्तु का निर्माण हुआ   ,
जहाज से लेकर साईकिल तक बनाया.....
साधन का अच्छा अविष्कार किया  ,
विज्ञान का यह युग हैं ....
चला गया अब कलयुग हैं,
विज्ञान का यह चमत्कार हैं....
विज्ञान का अपना आकार हैं....
लेखक -मुकेश कुमार 
कक्षा - ९ 
अपना घर ,कानपुर 

2 टिप्‍पणियां:

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

सुन्दर है इस चमत्कार की कविता....

निर्मला कपिला ने कहा…

चला गया अब कलयुग हैं.. लेकिन कलयुग तो चल रहा है। बच्चे दुआरा बहुत अच्छा प्रयास अपने मन की बात कहने का। मुकेश को आशीर्वाद।