शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

कविता :देखो तारे

देखो तारे 
 देखो तारे रंग-बिरंग ,
आओ बच्चो खेले इनके संग ....
मिलजुल कर खेलेगें इनके साथ ,
तभी बच्चे रहेगें अच्छे....
तभी कहलायेगें सच्छे ,
तभी वो होगें अच्छे बच्चे...
देखो तारे रंग-बिरंग ,

लेखक :चन्दन कुमार 
कक्षा :५
अपना घर 

1 टिप्पणी:

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

सुन्दर कविता