सोमवार, 17 जनवरी 2011

कविता : बसंत ऋतु

बसंत ऋतु

देखो बसंत ऋतु है आयी ।
अपने साथ खेतों में हरियाली लायी ॥
किसानों के मन में हैं खुशियाँ छाई ।
घर-घर में हैं हरियाली छाई ॥
हरियाली बसंत ऋतु में आती है ।
गर्मी में हरियाली चली जाती है ॥
हरे रंग का उजाला हमें दे जाती है ।
यही चक्र चलता रहता है ॥
नहीं किसी को नुकसान होता है ।
देखो बसंत ऋतु है आयी ॥

लेख़क :चन्दन कुमार
कक्षा :5
अपना घर

7 टिप्‍पणियां:

nilesh mathur ने कहा…

वाह! बहुत सुन्दर, लिखते रहो!

RAVI KUMAR ने कहा…

I LIKE TO BJG

Balram Bhagat ने कहा…

very good ....

Nupur bhagat ने कहा…

bahut aacha tha

pawan singh ने कहा…

so beautiful poem

MRS PREM KOHLI-TEACHER ने कहा…

excellent poem----------
MRS PREM KOHLI-TEACHER

बेनामी ने कहा…

Bhaut gooooooooooooooood poem.
I like it