कहते है आलू सब्जी का राजा है।
मगर प्याज ने बजाया सबका बाजा है॥
प्याज की बात निराली है।
लेकिन इसे खाना अब खयाली है॥
प्याज बिना सब स्वाद है सूना।
जैसे पानी बिन तालाब है सूना॥
प्याज की बढती इस महगाई से।
प्याज बिक रहा सरकारी दुकानों से॥
सब जनता हो गई है बेहाल।
क्या होगा अब इस देश का हाल॥
जो पड़ गया है प्याज का आकाल।
यूं लगता है देश में आ गया भूचाल ॥
लेख़क: सागर कुमार, कक्षा ७, अपना घर
3 टिप्पणियां:
achchhi rachna, samyanukool.
बिना प्याज के पकवान कैसा...प्यारी सी कविता..बधाई.
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बहुत बढ़िया बालगीत!
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