बाँस के नीचे था एक साँप ।
जो बैठे वहाँ पर रहा था काँप ॥
कंपन के कारण हिल रही थी गर्दन ।
जिसके कारण वहीं पे होने लगा अपरदन ॥
अपरदन होने से टूटा एक बाँस ।
जिससे वहीं पर साँप की रुक गयी सांस ॥
बाँस के नीचे था एक साँप ।
जो बैठे वहां पर रहा था काँप ॥
लेख़क :ज्ञान कुमार
कक्षा :७
अपना घर
कक्षा :७
अपना घर
3 टिप्पणियां:
सुन्दर बाल गीत ..
average
achchha likha Gyaan...keep it up...
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