गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

कविता: ग्लोबल वार्मिंग........

ग्लोबल वार्मिंग........

बस, कार, ट्रक सभी चलाते है
उससे वातावरण गन्दा करते है॥
यदि वातावरण साफ़ है रखना।
तो धुआँ रहित साधन प्रयोग करना
क्योकि हो रहा है ग्लोबलवार्मिंग।
यह है सभी के लिए वार्निंग॥
सभी को है यदि बचाना
हर इंसा पेड़ खूब लगाना॥
पर्यावरण पर पड़ता रहा जो खतरा।
नहीं बचेगा इंसा का एक भी कतरा॥

लेख़क: आशीष कुमार, कक्षा , अपना घर

3 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

सुन्दर शिक्षाप्रद रचना। आपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।

vallabh ने कहा…

jab ham chetenge tab tak der ho chuki hogi... aaj hi se cycle chalayen, chalo paryavaran bachayen...

shiv ने कहा…

ap log to kamal ho