मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

कहानी -श्यामू ने पंडित जी का मजाक उड़ाया

श्यामू ने पंडित जी का मजाक उड़ाया

एक बार पंडित जी ने दीननाथ के घर में कथा सुनाईदीननाथ ने अपने कुछ ख़ास रिश्तेदारों को बुलवाया थाजब कथा सम्पन्न हो गईउसके बाद पंजीरी और चंदामिरित खाने को मिलता हैदीननाथ के बेटे ने उसके बुआ का लड़का श्यामू दोनों मिलकर सभी को यह प्रसाद बांटने लगेजब सभी को प्रसाद बाँट दिया तब श्यामू , पंडित जी के पास कटोरी में पंजीरी लेकर गयापंडित जी जहां पर थे, वहां पर बहुत से लोग और भी बैठे थेतभी श्यामू ने पंडित जी से कहा कि अभी जब में अपने मुंह में पंजीरी भरकर मुंह बंद कर लूँतब आप मुझसे कहियेगा कि कहो फूफा, पंडित जी ने कहा ठीक हैश्यामू ने जैसे अपने मुंह में पंजीरी भरी तुरंत पंडित जी ने वही कह दियाश्यामू ने जैसे ही फूफा कहा वैसे ही मुंह की सारी पंजीरी पंडित जी के मुंह में जा गिरी , वहां पर बैठे सभीलोग हंसने लगे

लेखक -आशीष कुमार, कक्षा ,अपना घर