श्यामू ने पंडित जी का मजाक उड़ाया
एक बार पंडित जी ने दीननाथ के घर में कथा सुनाई । दीननाथ ने अपने कुछ ख़ास रिश्तेदारों को बुलवाया था । जब कथा सम्पन्न हो गई । उसके बाद पंजीरी और चंदामिरित खाने को मिलता है । दीननाथ के बेटे ने व उसके बुआ का लड़का श्यामू दोनों मिलकर सभी को यह प्रसाद बांटने लगे । जब सभी को प्रसाद बाँट दिया तब श्यामू , पंडित जी के पास कटोरी में पंजीरी लेकर गया । पंडित जी जहां पर थे, वहां पर बहुत से लोग और भी बैठे थे । तभी श्यामू ने पंडित जी से कहा कि अभी जब में अपने मुंह में पंजीरी भरकर मुंह बंद कर लूँ । तब आप मुझसे कहियेगा कि कहो फूफा, पंडित जी ने कहा ठीक है । श्यामू ने जैसे अपने मुंह में पंजीरी भरी तुरंत पंडित जी ने वही कह दिया । श्यामू ने जैसे ही फूफा कहा वैसे ही मुंह की सारी पंजीरी पंडित जी के मुंह में जा गिरी , वहां पर बैठे सभीलोग हंसने लगे ।
लेखक -आशीष कुमार, कक्षा ७ ,अपना घर
2 टिप्पणियां:
हा हा! :)
nice
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