शुक्रवार, 27 नवंबर 2009

कविता: फूल

फूल

फूल हैं ये कितने कोमल,
सुंदर दिखते हैं ये हर पल....
फूल की जातियां हैं अनेक,
फ़िर भी सब मिलकर रहते एक....
कमल को कीचड़ में भी उग आता,
फ़िर भी इतना सुंदर है दिखलाता....
किसी फूल से भेदभाव नही करता,
इसलिए भारत का राष्ट्रीय फूल कहलाता....
फूलों से मिलकर रहना सीखो,
आपस में खुश रहन सीखो....
फूल हैं ये कितने कोमल,
सुंदर दिखते हैं ये हर पल
....

लेखक: धर्मेन्द्र कुमार, कक्षा ७, अपना घर १९/११/२००९

3 टिप्‍पणियां:

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

बहुत ही अच्छी कविता लिखी है धर्मेन्द्र---आगे भी ऐसे ही लिखना।
हेमन्त कुमार

sandhyagupta ने कहा…

Bahut achche.Yun hi likhte raho.

tarun panwar barmer rajshthan ने कहा…

बहुत अच्छी कविता है