पापा के पापा है हमारे दादा ,
बिहार मे पड़ता है जिला नवादा ...
चाचा की बहन को कहते बुआ ,
हम सब खायेगे बुआ के हाथो से पुआ ...
मम्मी के भाई को कहते हम मामा ,
दिल्ली चले बन्दर मामा पहन पजामा ...
मम्मी की मम्मी है हमारी नानी ,
हमने राजा - रानी की सुनी बहुत कहानी ...
बहन के पति को कहते है जीजा ,
गर्मी मे खायेगे हम सब खरबूजा ...
भइया की पत्नी को कहते है भाभी ,
आज पराठे मे खाया हमने गोभी ...
लेखक: आदित्य पाण्डेय, कक्षा ७, अपना घर
2 टिप्पणियां:
बहुत प्यारी कविता है आदित्य ..सुंदर ..स्नेहाशीष ..लिखते रहो..
a very nice poetry
keep it up
try to make like this for small children
i really liked it
please give me some ideas for making a poetry
EXCELLENT
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