गुरुवार, 22 अक्तूबर 2009

कविता: आसमान क्या रंग बदलता

आसमान क्या रंग बदलता


ऊपर देखो तारे देखो,
आसमान के नज़ारे देखो...
नीचे देखो बजारें देखो,
बच्चों के भी मजाके देखो...
आसमान भी क्या रंग बदलता,
हम बच्चों का मन बदलता...
तन है कैसा मन है कैसा,
ये आसमान का रंग है कैसा...

लेखक: ज्ञान कुमार, कक्षा ४, अपना घर

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