बहुँत सी बातें है,
कुछ मन की गांठे है...
जो कुछ लोग कह नही पाते,
कुछ बातें कुछ लोग ही कह पाते....
बोलने की लगन होती है,
मगर बोल नही पाते...
समझना चाहते है पर समझ नही पाते,
क्योकि वह बात बोल ही नही पाते...
यह धरती के हर प्राणी में होती है,
ये कैसी लीला है जो हर जगह होती है...
लेखक: अशोक कुमार, कक्षा ७, अपना घर
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