बुधवार, 2 सितंबर 2009

कविता: आओ सीखे अ, आ, ई

आओ सीखे , ,

छोटा "" से अजगर, बड़ा "" से आम,
कभी करना, तुम कोई ग़लत काम....
छोटी "" से इमली, बड़ी "ई" से ईख,
बड़ों से लेना हरदम सीख...
छोटा "" से उपमा, बड़ा "" ऊन,
देखने जाना देहरादून...
से "एक", "ऐ" से ऐनक,
बच्चे सभी बनेगे सैनिक...
"ओ" से ओर, "औ" से और,
आसमान का मिलता छोर...
"अं" से अंगद, "अः" पर है विसर्ग,
एक ही है सब जाति और धर्म....


लेखक: आदित्य कुमार, कक्षा , अपना घर

4 टिप्‍पणियां:

अर्चना तिवारी ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत कविता..साथ पढाई भी..वाह !

Meenu Khare ने कहा…

शाबाश आदित्य.

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

Bahut achchha likha Aditya ji apne ....badhai.
HemantKumar

vallabh ने कहा…

Achcha Likha... Bhadai Aditya...