छोटा "अ" से अजगर, बड़ा "आ" से आम,
कभी न करना, तुम कोई ग़लत काम....
छोटी "इ" से इमली, बड़ी "ई" से ईख,
बड़ों से लेना हरदम सीख...
छोटा "उ" से उपमा, बड़ा "ऊ" ऊन,
देखने जाना देहरादून...
ए से "एक", "ऐ" से ऐनक,
बच्चे सभी बनेगे सैनिक...
"ओ" से ओर, "औ" से और,
आसमान का मिलता न छोर...
"अं" से अंगद, "अः" पर है विसर्ग,
एक ही है सब जाति और धर्म....
लेखक: आदित्य कुमार, कक्षा ७, अपना घर
4 टिप्पणियां:
बहुत ही खूबसूरत कविता..साथ पढाई भी..वाह !
शाबाश आदित्य.
Bahut achchha likha Aditya ji apne ....badhai.
HemantKumar
Achcha Likha... Bhadai Aditya...
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