गुरुवार, 17 सितंबर 2009

कविता: पापा और बेटा

पापा और बेटा

पापा कहते है बेटा,
तुम भी पढ़ने जाया करो...
पढ़ लिख कर अच्छा काम करोगे,
जग में अपना नाम करोगे...
पापा कहते है बेटा,
तुम भी पढ़ने जाया करो...
पापा ने पूछा एक सवाल,
बेटा बोलो मेरे कमाल....
तुम कौन सा ऐसा काम करोगे,
जिससे जग में नाम करोगे....
मैंने काफी सोच के बोला,
अपना छोटा सा मुंह खोला....
पापा मै अच्छा इन्सान बनूँगा,
हर गरीब की मदद करूँगा....
जिससे उनका होगा काम,
जग में होगा मेरा नाम....
पापा कहते है बेटा,
तुम भी पढ़ने जाया करो....


लेखक: सागर कुमार, कक्षा , अपना घर

3 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

पापा मै अच्छा इन्सान बनूँगा,
हर गरीब की मदद करूँगा....

-बहुत बढ़िया संदेश.

संगीता पुरी ने कहा…

अच्‍छे बच्‍चे की कहानी को आपकी कविता में देखकर खुशी हुई !!

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

Bahut achchhe Sagar ji--badhiya uddeshyapoorna kavita.badhai sveekaren.
HemantKumar