आम क्या है ये रसीले,
पेड़ों पर लगे है पीले-पीले...
सोच रहे है कब जोर से हवा चले,
पीले रसीले आम खाने को मिले...
आम का अब समय आया है,
खट्टे-मीठे आम खाने को जी ललचाया है...
पेड़ों पर लगे है कच्चे-पक्के आम,
बाजारों में इनके कितने महंगे दाम...
आम क्या है ये रसीले,
पेड़ों पर लगे है पीले-पीले ...
लेखक: धर्मेन्द्र कुमार, कक्षा ७, अपना घर
2 टिप्पणियां:
bahut badhiya. aise hi likhte raho.
me bhi aisha likhana chahati hu
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