सोमवार, 6 अप्रैल 2009

कविता:- बिल्ली म्याऊँ


बिल्ली म्याऊँ
एक छोटा सा गाँव
उसमे रहती थी बिल्ली म्याऊँ
रात को चुपके से आती थी
दूध मलाई खा जाती थी
एक दिन रात को बिल्ली आई
पड़ गया पीछे कुत्ता भाई
बिल्ली ने बर्तन दूध गिराया
कुत्ते ने उसको मार भगाया
अक्षय कुमार
अपना घर, कक्षा 6


5 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Good story.........

अभिषेक मिश्र ने कहा…

अच्छी कविता. स्वागत ब्लॉग परिवार में.

अनिल कान्त ने कहा…

बेटा आपने बहुत प्यारी कविता लिखी है ....मुझे बहुत पसंद आई

मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

Mohd. Sarfaraz ने कहा…

लिखना उत्तम धन
करदे मन प्रसन्न
तो आप यूँ ही लिखते रहिये
चिठ्ठा जगत में स्वागत है आपका

RAJIV MAHESHWARI ने कहा…

बेटे आपने बहुत सुंदर कविता लिखी है.
सुंदर अति सुंदर लिखते रहिये .......
आपकी अगली पोस्ट का इंतजार रहेगा
htt:\\ paharibaba.blogspost.comm