शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009

कविता:- चिड़िया

चिड़िया
चिड़िया - चिड़िया उड़ती जा।
सबका मन बहलाती जा॥
फुदक - फुदक तुम उड़ती जा।
सबका मन बहलाती जा॥
चिड़िया हो तुम कितनी प्यारी।
सबके मन को भाती हो॥
चिड़िया जब तुम उड़ती हो।
अच्छी प्यारी लगती हो ॥
ज्ञान कुमार
अपना घर, कक्षा 5

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