शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2025

कविता : " परीक्षा "

" परीक्षा "
चल रहा परिक्षा का दिन 
काट नहीं रहा सोए बिन 
शरीर में थकान और आँखो , 
में नींद। 
कैसे करेंगे परिक्षा , पढ़े बिन 
सामग्री और उत्तर को देख
आ जाता नींद।
फिर पढ़ने से हट जाता है दिल
मन करता हैं हम भी इंस्टा पर
बनाए रील।
ये सात - आठ दिन में ,
नींद - नींद ही होगा
परिक्षा खत्म होने के बाद ,
रट नींद बिन होगा।

कविः पंकज कुमार , कक्षा: 9th 
 अपना घर 

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