शनिवार, 28 दिसंबर 2024

कविता:"सपना "

"सपना "
दिल में तमना रखो,
एक बड़ा सपना सजाकर रखो | 
दुनियां क्या कहती है,
 इससे कोई फर्क नहीं पड़ता | 
पर अपना सपना साकार करने की,
उम्मीद जगाकर रखो | 
तुम कभी कामयाब जरूर हो जाओगे,
कमजोर है तो क्या हुआ| 
पर मेहनत करने में कभी कमी नहीं,
वो तुम्हे हरा दे इतनी दम नहीं| 
करो और जबतक ताकत है तबतक लड़ो,
दिल में एक बड़ा सपना सजाकर रखो| 
कवि :शिवा कुमार ,कक्षा :8th 
अपना घर 

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