मंगलवार, 30 मार्च 2021

कविता :" होली का त्योहार है भाई "

" होली का त्योहार है भाई "

होली का त्योहार है भाई ,

खाओ गुझिया और  मिढ़ाई | 

लेकर  रंग दोस्तो को खुब दौड़ाई  ,

किसी के ऊपर रंग लगाए |

 किसी को नाली में फेक आई ,

होली का त्योहार  है भाई | 

रंगो का बरसात है आई ,

उसमे हम खुब नहाई | 

होली  का  त्योहार है आई ,

कवि : कामता कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर 

 

 

 

2 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (31-03-2021) को  "होली अब हो ली हुई"  (चर्चा अंक-4022)   पर भी होगी। 
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मित्रों! कुछ वर्षों से ब्लॉगों का संक्रमणकाल चल रहा है। परन्तु प्रसन्नता की बात यह है कि ब्लॉग अब भी लिखे जा रहे हैं और नये ब्लॉगों का सृजन भी हो रहा है।आप अन्य सामाजिक साइटों के अतिरिक्त दिल खोलकर दूसरों के ब्लॉगों पर भी अपनी टिप्पणी दीजिए। जिससे कि ब्लॉगों को जीवित रखा जा सके। चर्चा मंच का उद्देश्य उन ब्लॉगों को भी महत्व देना है जो टिप्पणियों के लिए तरसते रहते हैं क्योंकि उनका प्रसारण कहीं हो भी नहीं रहा है। ऐसे में चर्चा मंच विगत बारह वर्षों से अपने धर्म को निभा रहा है। 
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
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मन की वीणा ने कहा…

सुंदर कविता ।