शनिवार, 4 अप्रैल 2020

कविता : पौष्टिक खाना

" पौष्टिक खाना "

दूध -भात जो नित खाता है,
वही स्वस्थ बन पाता है | 
जो पौष्टिक भोजन करता है,
वो कभी बीमार नहीं पड़ता है | 
दिन में ठीक से खाना खाना है,
अपने आप को स्वस्थ बनाना है | 
पानी सेहत के लिए ठीक है,
अगर आप इसके जितना नजदीक हैं | 
फल को भी खाना है,
अपने को भी स्वस्थ बनाना है | 
खाओ सदा पौष्टिक खाना,
रहो तंदुरस्त और जिओ ज़माना |

नाम : गोपाल कुमार , कक्षा : 3rd , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता गोपाल के द्वारा लिखी गई है | गोपाल ने यह अपनी पहली कविता का शीर्षक            " पैष्टिक खाना " दिया है | कविता में कैसा भोजन करना है उसके बारे में जिक्र किया है ताकि हम स्वस्थ रह सके | गोपाल एक बहित ही चंचल बालक है |

4 टिप्‍पणियां:

'एकलव्य' ने कहा…

आदरणीया/आदरणीय आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर( 'लोकतंत्र संवाद' मंच साहित्यिक पुस्तक-पुरस्कार योजना भाग-२ हेतु नामित की गयी है। )

'बुधवार' ०८ अप्रैल २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य"

https://loktantrasanvad.blogspot.com/2020/04/blog-post_8.html

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टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।


आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'

Anchal Pandey ने कहा…

वाह!
बहुत सुंदर 👌
लिखते रहिए।

Rohitas Ghorela ने कहा…

मस्त मस्त
खूब लिखो
अच्छे से अच्छा बनता है.

'एकलव्य' ने कहा…

आदरणीया/आदरणीय आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर( 'लोकतंत्र संवाद' मंच साहित्यिक पुस्तक-पुरस्कार योजना भाग-२  हेतु इस माह की चुनी गईं नौ श्रेष्ठ रचनाओं के अंतर्गत नामित की गयी है। )

'बुधवार' २२  अप्रैल  २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य"
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टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।


आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'