गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

कविता : हरियाली

" हरियाली "

फैली है चारों तरफ हरियाली,
पत्तियों से लदी है हर एक डाली | 
नई कोपलें निकल रहीं हैं,
हर जगह मचल रहीं हैं | 
कहीं घास तो कहीं है पेड़,
कहीं फल है तो कहीं है बेर | 
अपने बल पर कल सुधारें 
प्रदूषण सारे नियंत्रण करे | 
नित हमें लगाना है पेड़,
करना है प्रदूषण को ढेर | 

कवि : मंगल कुमार , कक्षा : 4th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता मंगल के द्वारा लिखी गई है जो की मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं | मंगल को कवितायेँ लिखना बहुत पसंद है और बहुत ही कवितायेँ लिखते हैं | मंगल को नई चीजें सीखना बहुत पसंद है और सदैव सिखने के लिए तत्पर्य रहते हैं |

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