" गाना "
जब मेरा गाना गाने मन करता है,
बस डर उसी में खो जाने का रहता है |
मैं खूब गाउँ ये मेरा दिल कहता है,
बस डर इस आग में जल जाने का रहता है |
बिना जले गाते रहना ये दिल कहता है,
कितनी भी हो दिक्कत सह लेने को कहता है |
आज मेरा गाना गाने का करता है,
बस डर उसी में खो जाने का रहता है |
कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के रहने वाले हैं | समीर ने यह कविता एक गाने पर लिखी है | समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है अपनी कविताओं से औरों को भी प्रभावित करते हैं |
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