बुधवार, 21 नवंबर 2018

कविता : उन्हें सिखाओ

" उन्हें सिखाओ "

दोस्त उसे बनाओ,
जो दोस्ती के काबिल हो | 
पढ़ाई का ज्ञान उसको दो ,
जो पढ़ाई में नासमझ हो | 
अच्छे राह पर उसे चलना सिखाओ, 
जिसको सही गलत के राह न पता हो | 
उड़ना उसे सिखाओ, 
जो कोशिश करने लायक हो | 
कला उसे सिखाओ,
जिसमें सीखने की चाहत हो | 
सहायता उसकी करो, 
जो जरूरत मंद हो | 

कवि : सार्थक कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता सार्थक  द्वारा लिखी गई है जो की  बिहार के रहने वाले हैं और अभी कानपुर के अपना घर नामक संस्था में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं | सार्थक को खेल में बहुत रूचि है और वह बड़े होकर स्पोर्ट में जाना चाहतें हैं | 

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