" उन्हें सिखाओ "
दोस्त उसे बनाओ,
जो दोस्ती के काबिल हो |
पढ़ाई का ज्ञान उसको दो ,
जो पढ़ाई में नासमझ हो |
अच्छे राह पर उसे चलना सिखाओ,
जिसको सही गलत के राह न पता हो |
उड़ना उसे सिखाओ,
जो कोशिश करने लायक हो |
कला उसे सिखाओ,
जिसमें सीखने की चाहत हो |
सहायता उसकी करो,
जो जरूरत मंद हो |
कवि : सार्थक कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता सार्थक द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं और अभी कानपुर के अपना घर नामक संस्था में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं | सार्थक को खेल में बहुत रूचि है और वह बड़े होकर स्पोर्ट में जाना चाहतें हैं |
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