" लहर उठना चाहती हैं "
लहर उठना चाहती हैं,
अपने अद्भुद भावों को
प्रकट करना चाहती हैं |
लहरें कुछ दिखाना चाहती हैं,
मनुष्य को अच्छे सच्चे
रास्ते पर चलना सिखाती हैं |
लहरें अपने सन -सन आवाज़ों से
सबको समझाना चाहती है,
लहरें अपने लहरों से खेलना चाहती है |
लहरें समुद्र की सैर करना चाहती हैं,
अपने अरमान से भव्य
आकाश छूना चाहती हैं |
लहरें कुछ कहना चाहती हैं,
लहरें उठना चाहती हैं |
नाम : संजय कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता संजय कुमार की है जो की झारखण्ड के निवासी हैं और अपना घर में रहकर अपनी पढाई कर रहे हैं | संजय पढ़ाई करने के साथ ही साथ कविता भी लिखना सीख रहे हैं, संजय हमेशा अपने पढ़ाई के लिए म्हणत करते रहते हैं |
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