मंगलवार, 16 अक्तूबर 2018

कविता : क्या है

"  क्या है "

क्या कोई ऐसी दुनिया है,
जहाँ खुशियाँ हर बच्चों के लिए हो |
क्या कोई ऐसी चिड़िया है,
जो हम बच्चो के लिए गाती हो | 
क्या वो दादी अभी भी है,
जो बच्चों को लोरी सुनाती हो | 
क्या वो हवा अभी भी स्वच्छ है,
जिससे हर नवजात शिशु जिन्दा हो | 
क्या  वो समाज भी है,
जिसमें हम आज़ादी से रह सके | 
यह सभी से पूछता हूँ,
क्या यह अभी भी है बच्चों के लिए | 
यह बार - बार  पूछता हूँ, 
क्या यह अभी भी है बच्चों के लिए | 

कवि : देवराज कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर 



कवि परिचय : यह हैं देवराज जो की बिहार के रहने वाले हैं और अपना घर में रहकर अपनी पढाई पूरा कर रहे हैं | देवराज को गतिविधियों में हिस्सा लेने में बहुत मजा आता  है | देवराज एक डांसर बनना चाहता है | देवराज को विज्ञानं में बहुत रूचि है | 

2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

बहुत खूबसूरत

Splendid Interiors ने कहा…

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