" डर "
डर शब्द से क्या डरना,
यह तो मन का भय है |
मंजिल से यह दूर है रखता,
हर कदम को है लड़खड़ाता |
मुश्किलों का यह बांध बनाता,
हर एक ख़ुशी को चर है बनाता |
डर नई उम्मीदों को है रोकता,
नए जीवन को प्रकाश नहीं है देता |
डर शब्द से क्या डरना,
यह तो मन का भय है |
नाम " राजकुमार , कक्षा " 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं राजकुमार जो की हमीरपुर के रहने वाले हैं और आजकल अपना घर में रहकर अपनी शिक्षा को पूरी कर रहे हैं | राज को राजनीती में बहुत रूचि है | वह नेताओं के बारे मैं बहुत पढ़ता है | राज की कविताओं क एक सार्थक अर्थ होता है |
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