सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

शीर्षक : योगी

शीर्षक : योगी 
अवसर मिले करो प्रयोग ,
चाहे वह क्यों न हो योग ।
 योग के करने से भी बढ़ी हैं कई चीजे  ,
चाहे हो मानसिकता की बीमारी ।
ख़तम हो जाये इससे बीमारी सारी ,
क्योंकि योग करने से बढती है कई चीजे ।
यदि योग की साधना करली पूरी ,
तो आ जाएगी तुम्हारे अंदर श्रद्धा और सबूरी ।
श्रद्धा से है जीना जरूरी ,
बुरे समाज के लोगो से बचना अति जरूरी ।
अब के हर बालक, युवाओं के मुँह  पर  है गाली ,
एक हाथ से बजे न कभी भी ताली ।
ये है सब एक तरह के रोगी ,
इनसे बचना है तो बन जा योगी ।
नाम : आशीष कुमार 
कक्षा : 10
अपना घर कानपुर      

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