शीर्षक :मन
जो कहता है तू कह दे ।
तू न डर किसी से ,
जो बहकावे तुझको ।
मत आना उसके बहकावे मे ,
सोच के अपने मन मे ।
करले पक्का वादा मन में ,
कठोर बनने दे अपने को ।
न बहके रोक ले अपने मन को ,
मन बड़ा ही चंचल ।
मन बहके तो मच जायेगी हल -चल ।
यदि मन को रखेगा ठान के ,
तभी तो आगे बढ़ पायेगा सीना तान के ।
जो कहता है तू कह दे ।
तू न डर किसी से ,
जो बहकावे तुझको ।
मत आना उसके बहकावे मे ,
सोच के अपने मन मे ।
करले पक्का वादा मन में ,
कठोर बनने दे अपने को ।
न बहके रोक ले अपने मन को ,
मन बड़ा ही चंचल ।
मन बहके तो मच जायेगी हल -चल ।
यदि मन को रखेगा ठान के ,
तभी तो आगे बढ़ पायेगा सीना तान के ।
नाम : आशीष कुमार
कक्षा : 10
अपना घर ,कानपुर
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