शुक्रवार, 4 दिसंबर 2009

कविता सुनो भाइयों और बहिनों

सुनो भाइयों और बहिनों
सुनो-सुनो भाई बहाना,
सावधान तुम रहना....
चोरो धोखे बाजों से सावधान रहना,
अपहरण से तुम बचना....
शहर में अकेले न घूमना,
कितने बच्चे किडनैप हो गये....
अपहरण करने वाले पकड़े गये,
मासूम बच्चों को मार डाला.....
न्यायलय में न कोई अपील करने वाला,
सुनो-सुनो सब भाई बहना.....
सावधान तुम रहना,
जिसका मासूम बच्चा मारा गया.....
उनसे रात में सोया न गया......
लेखक कविता मुकेश कुमार कक्षा ८ अपना घर कानपुर

2 टिप्‍पणियां:

अर्कजेश ने कहा…

बढिया ।

Sambhav ने कहा…

सुंदर कविता.

http://esambhav.blogspot.com/