मन हमारा मन हमारा ,
कितना सुंदर मन हमारा....
मन इधर भी घूमता,
मन उधर भी घूमता....
मन चाहे जिधर भी घूमता,
मन अच्छे बातों में रहता....
मन गन्दी बातों में रहता,
मन चाहे जो करता....
मन अपने काबू में नही रहता,
मन जबाबो को देता....
मन हमारा मन हमारा,
कितना सुंदर मन हमारा....
लेखक कविता लवकुश कक्षा ६ अपना घर कानपुर
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