सूर्य एक तारा है,
यह उजाले का सहारा है...
इससे रोशनी पाती दुनिया है,
सौर मंडल की मज़ेदार दुनिया है...
सूर्य न होता आज अगर,
हम न होते दुनिया पर...
सूर्य तो जान से प्यारा है,
चाहता इसको संसार सारा है...
जिन्दगी का बहता जो धारा है,
इसकी वजह सूर्य हमारा है....
लेखक: सोनू कुमार, कक्षा ८, अपना घर
2 टिप्पणियां:
सुन्दर क्विता है।बधाई।
my first poem which I write when I was 20 years old was on Sun.......well written boy........http://sachinjain7882.blogspot.com/2008/10/blog-post_22.html
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